शिक्षा में परिवर्तन

Shiksha Mein Parivartan

केवल अधिक स्कूल खोलने से काम नहीं चलेगा। हमारे स्कूलों में जिस ढंग से शिक्षा दी जा रही है उसमें भी परिवर्तन करना आवश्यक है। कोई पूछ सकता है कि आज जिस ढंग से पढ़ाई हो रही है उसमें बुराई क्या है? बुराई यह है कि बालक का दिमाग तो उन्नति करता है लेकिन वह इस लायक नहीं बन पाता कि स्कूल छोड़ने के बाद सफलता पूर्वक जीवन का बोझ उठा सके। बड़ा हो जाने के बाद सबों को काम करना पड़ता है। क्या यह अच्छा न होगा कि स्कूल की पढ़ाई के साथ छात्रों को काम-काज सिखाया जाए? इससे उन्हें काम ढूँढ़ने में ज्यादा आसानी होगी।

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