कुछ लोग खेल-कूद को बुरा मानते हैं। वे समझते हैं कि इसमें समय नष्ट होता है। अगर हमारा शरीर मजबूत न हो तो हम कोई काम नहीं कर सकते। दुबले-पतले आदमी बहुधा रोगी होते हैं। खेलना एक प्रकार का मनबहलाव भी है। इससे दिमाग की थकावट दूर होती है। जो खेलने में मन लगाते हैं वे पढ़ने में भी अच्छे होते हैं। शहरों में खुली जगह की कमी होती है। अत: वहाँ ऐसे खेल खेले जाते हैं जहाँ कम जमीन की जरूरत होती है। भविष्य में भारतवर्ष का स्थान खेल-कूद में कम महत्त्व नहीं रखेगा।
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