इसका सदा ख्याल रखें कि देश सबका है, किसी एक व्यक्ति या समूह का नहीं, और एक की अकर्मण्यता से बहुत बड़ी हानि हो सकती है। देश की रक्षा करने का कार्य सबका है, किसी एक का नहीं। देश की सर्वांगीण उन्नति तभी हो सकती है जब सबलोग अपना-अपना कार्य समुचित प्रकार से करें। हमारी सबसे बड़ी आवश्यकता कर्त्तव्यपरायण नागरिकों की है। यह बिलकुल गलत खयाल है कि जो घूम-घूम कर देशभक्ति पर व्याख्यान दिया करता है वही देशभक्त है। उससे बड़े देशभक्त वे हैं जो अपना प्रतिदिन का कार्य समुचित रूप से करते हैं और अपने कर्त्तव्य के स्थान को नहीं छोड़ते।
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